कर्नाटक राजनीतिक संकट : सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया

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22 July 2019 9:07 AM GMT

  • कर्नाटक राजनीतिक संकट : सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया

    सुप्रीम कोर्ट की CJI की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत कराने के लिए 2 विधायकों द्वारा दायर रिट याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

    सोमवार को वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने इस बारे में जल्द सुनवाई की मांग की तो CJI रंजन गोगोई ने यह कहा कि यह असंभव है। फिर रोहतगी ने केस को मंगलवार को सूचीबद्ध करने के लिए अनुरोध किया जिसके लिए CJI ने जवाब दिया 'हम देखेंगे'। इस याचिका में शाम 5 बजे तक कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) सरकार के लिए विश्वास मत कराने का दिशानिर्देश मांगा गया है।

    याचिकाकर्ताओं के पीजेपी विधायक आर शंकर और निर्दलीय विधायक नागेश ने कहा है कि उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना समर्थन वापस ले लिया है जिससे यह अल्पमत की सरकार बन गई है। हालांकि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 12 जुलाई को यह घोषणा की थी कि वह 18 जुलाई को विधानसभा में विश्वास मत मांगेंगे लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।

    इसी का लाभ उठाते हुए सरकार, जो कि अल्पमत में है, कई कार्यकारी निर्णय ले रही है जैसे पुलिस अधिकारियों, IAS अधिकारियों, अन्य अधिकारियों आदि को स्थानांतरित करना, याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है।

    दरअसल यह विश्वास मत गुरुवार को शुरू नहीं हुआ जैसा कि पहले से निर्धारित था। हालांकि राज्यपाल वजुभाई वाला ने शुक्रवार को दोपहर 1:30 बजे स्पीकर को विश्वास मत कराने का निर्देश जारी किया था लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। राज्यपाल ने शुक्रवार को शाम 6 बजे तक विश्वास मत रखने के लिए एक और अल्टीमेटम दिया जिसे भी पूरा नहीं किया गया।

    याचिकाकर्ताओं का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 172 (5) के संदर्भ में सदन में राज्यपाल के संदेश का पालन किया जाना चाहिए। वहीं कांग्रेस और जद (एस) ने एक याचिका दायर कर यह स्पष्टीकरण मांगा है कि 17 जुलाई को 15 बागी विधायकों को सदन से बाहर रहने की अनुमति देने वाला आदेश संविधान की अनुसूची 10 के अनुसार जारी किए गए पार्टी व्हिप पर लागू नहीं होगा।

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