कलकत्ता हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति शीघ्र करने और हड़ताल ख़त्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी [याचिका पढ़े]

LiveLaw News Network

18 April 2018 5:01 PM GMT

  • कलकत्ता हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति शीघ्र करने और हड़ताल ख़त्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी [याचिका पढ़े]

    यूथ बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया नामक एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कलकत्ता हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति में तेजी लाने और कोर्ट में इस समय चल रहे हड़ताल को ख़त्म कराने की मांग की है।

    याचिका में देश भर में बार एसोसिएशन द्वारा किए जा रहे हड़ताल को विनियमित किये जाने के बारे में निर्देश दिए जाने की मांग भी की गई है।

    एडवोकेट मंजू जेटली के माध्यम से दायर इस याचिका की सुनवाई संभवतः 20 अप्रैल को होगी।

    याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट केंद्र को कलकत्ता हाई कोर्ट व अन्य हाई कोर्टों में जजों के रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरने का निर्देश दे ताकि लोगों को न्याय मिलने में हो रही देरी को दूर किया जा सके और कलकत्ता हाई कोर्ट में चल रही हड़ताल को तत्काल ख़त्म कराने की मांग भी इसमें की गई है।

    याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट में आवंटित कुल जजों की संख्या के बराबर जजों की नियुक्ति नहीं करने से नागरिकों के अधिकारों का हनन होता है जबकि हड़ताल से वकीलों और मुकदमादारों के अधिकारों का।

    याचिका में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को इस बारे में 23 और कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को 26 फरवरी को पत्र देने की बात का उल्लेख भी किया गया है।

    कलकत्ता हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति में देरी होने के विरोध में 18 फरवरी से हड़ताल शुरू की।

    इस याचिका में केंद्रीय क़ानून और न्याय मंत्रालय द्वारा 1 फरवरी को जारी आंकड़ों का उल्लेख किया गया है जिसमें कहा गया है कि कलकत्ता हाई कोर्ट में जजों की 54 फीसदी सीट खाली है और यह स्थिति दिसंबर में और खराब हो जाएगी जब उसके तीन और जज रिटायर हो जाएंगे।

    कलकत्ता हाई कोर्ट में अनुमोदित जजों की संख्या 72 है जिसमें 54 स्थाई हैं और 18 अतिरिक्त जबकि इस समय वहाँ स्थाई जजों की संख्या 23 और अतिरिक्त जजों की सात है जो कि 150 वर्ष पुराने इस संस्थान की गरिमा के बिल्कुल खिलाफ है।


     
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