राजीव गांधी हत्याकांड: सजायाफ्ता ने सजा रद्द करने की मांग की, SC ने CBI से मांगा जवाब

LiveLaw News Network

24 Jan 2018 10:43 AM GMT

  • राजीव गांधी हत्याकांड: सजायाफ्ता ने सजा रद्द करने की मांग की, SC ने CBI से मांगा जवाब

    राजीव गांधी की हत्या के लिए 26 साल तक कैद में रहने वाले एक दोषी एजी पेरारीवलन ने सुप्रीम कोर्ट से मामले को फिर से खोलने और अपनी सजा को रद्द करने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सीबीआई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

    बुधवार को जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने ये नोटिस जारी किया। इस दौरान पेरारीवलन की ओर से पेश गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि सीबीआई अफसर त्यागराजन ने हलफनामा दाखिल किया है कि  उन्होंने उन्हें ठीक तरह से पेरारीवलन से पूछताछ नहीं की।पूर्व अधिकारी ने कथित तौर पर यह भी कहा था कि पेरारीवलन को वह खरीदी गई बैटरी का उद्देश्य नहीं पता था। गोपाल ने कहा कि MDMA भी अब तक उस शख्स से पूछताछ नहीं कर पाई है जिसने बम बनाया था और वो श्रीलंका में है। वहीं सीबीआई ने अदालत में कहा है कि हत्या में इस्तेमाल बम की जांच में "श्रीलंका से कोई मदद नहीं" मिल गई है। इसलिए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट दोषी करार देने वाले 11 मई 1999 के आदेश को वापस ले।

    दरअसल एजी पेरारीवलन को बेल्ट-बम के लिए  नौ वोल्ट की दो बैटरी की सप्लाई करने का दोषी पाया गया था जिससे 1991 में पूर्व प्रधान मंत्री की हत्या की गई।पेरारीवलन को इसके लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

    इससे पहले  पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारीवलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी आजीवन कारावास की सजा के निलंबन की मांग की थी

    पेरारीलवन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में  जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने  केंद्र सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा  था। दरअसल पेरारीवलन ने अपनी याचिका में कहा कि जब तक मल्टी डिस्पलेनेरी मॉनिटरिंग अथॉरिटी ( MDMA)  की जांच पूरी नहीं होती उनकी सजा निलंबित की जानी चाहिए।  ये एजेंसी 1998 में जस्टिस जैन कमिशन की सिफारिश के आधार पर बनी थी।

     पेरारीवलन के वकील गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि वो 26 साल से जेल में  बंद हैं  और उन्हें 9 वोल्ट की दो बैटरी सप्लाई के लिए दोषी करार दिया गया था जिससे बम बनाकर राजीव गांधी की हत्या की गई। उन्होंने सीबीआई के एसपी त्यागराजन के हलफनामे का हवाला दिया है जिसमें उन्होंने कहा  था कि पेरारीवलन से बैटरी सप्लाई के बारे में सवाल नहीं किए।

    गौरतलब है कि  राजीव गांधी हत्याकांड में जैन कमिशन की रिपोर्ट के आधार पर मानव बम बनाने की साजिश को लेकर आगे जांच कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

     17 अगस्त 2017 को राजीव गांधी हत्याकांड में सजायाफ्ता एजी पेरारीवलन की जैन कमीशन के आधार पर आगे की जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने सीबीआई से सवाल किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि राजीव गांधी की हत्या के लिए मानव बम बनाने की साजिश का केस क्या फिर से खोला गया? मानव बम बनाने की साजिश के केस का क्या नतीजा निकला? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से इन सवालों के जवाब देने को कहा था। सीबीआई ने इस संबंध में सील कवर में जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल की थी।

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