किसी व्यक्ति को खुली जमीन खासकर सरकारी जमीन का अंतिम संस्कार के लिए प्रयोग करने का अधिकार नहीं है : दिल्ली हाई कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network

30 Dec 2017 4:41 AM GMT

  • किसी व्यक्ति को खुली जमीन खासकर सरकारी जमीन का अंतिम संस्कार के लिए प्रयोग करने का अधिकार नहीं है : दिल्ली हाई कोर्ट [निर्णय पढ़ें]

    दिल्ली हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को किसी खुले स्थान विशेषकर सरकारी जमीन का प्रयोग अंतिम संस्कार के लिए करने का अधिकार नहीं है। एक एनजीओ कब्रिस्तान इंतजामिया एसोसिएशन ने पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर इलाके के में एक सरकारी जमीन पर अपना दावा जताया था। इस बारे में दायर उसकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी।

    एनजीओ ने एक विधायक के बयान के आधार पर पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में विपिन गार्डन के सरकारी जमीन के हिस्से को कब्रिस्तान के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दिया था।

    एनजीओ ने इस बारे में द्वारका के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के 1 अगस्त 2017 के आदेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी।

    हाई कोर्ट ने कहा कि एसडीम द्वारा पास किए गए आदेश में एनजीओ इस जमीन पर अपना कानूनी अधिकार सिद्ध नहीं कर पाया।

    पीठ ने अपने आदेश में कहा, “सीआरपीसी के तहत एसडीम (द्वारका) ने जो आदेश पास किया है उसको सभी पक्षों को सख्ती से मानना है। इस आदेश का उल्लंघन होने पर प्रतिवादी (दिल्ली सरकार आदि) कड़ी कार्रवाई करेगा।”

    यह गौर करने की बात है कि न्यायमूर्ति मित्तल ने गैरकानूनी निर्माण के एक अन्य मामले में अंतिम संस्कार के लिए जमीन के नाम पर अनाधिकार कब्जे की आलोचना की थी। कोर्ट ने कहा था कि कब्रों/समाधियों की संख्या बढ़ रही है पर लोगों के लिए रहने के लिए जमीन नहीं है।


     
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