पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच के लिए अलग से SIT बनाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

LiveLaw News Network

10 Oct 2017 10:02 AM GMT

  • पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच के लिए अलग से SIT बनाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

    सुप्रीम कोर्ट ने चर्चित पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच के लिए अलग से SIT बनाने के आदेश देने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कालेधन मामले की जांच कर रही

    सुप्रीम कोर्ट का इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले ही मामले में केंद्र की बनाई मल्टी एजेंसी ग्रुप जांच कर रही है और ये भी SIT की तरह ही है।

    जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस यू यू ललित ने ये कहते हुए जनहित याचिका का निपटारा कर दिया। सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश ASG पी एस  नरसिम्हन ने कोर्ट को बताया कि  मल्टी एजेंसी ग्रुप की सभी सात जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार ने  सील बंद लिफ़ाफ़े में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं। ये मामला कोई सामान्य मामला नहीं है बल्कि विदेशों से जुडा जटिल मामला है। इसलिए इसकी जांच के लिए इस मल्टी एजेंसी ग्रुप में  CBDT, RBI, ED और फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट ( FIU) शामिल हैं। ये ग्रुप वक्त वक्त पर जांच रिपोर्ट कोर्ट और जस्टिस एमबी शाह की SIT को सौंपता रहा है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में नई SIT बनाने का विरोध किया।

    वहीं याचिकाकर्ता वकील एम एल शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि कोर्ट की निगरानी में अलग से SIT से इसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि अभी तक इस मामले में कोई FIR तक दर्ज नहीं की गई है।

    वहीं  केंद्र सरकार ने पहले भी सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस मामले की जाँच मल्टी एजेंसी कर रही है। ऐसे में कोर्ट पहले इस रिपोर्ट को देखने के बाद ही नई टीम बनाने को लेकर कोई फैसला दे।केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में 424 लोगों को नोटिस जारी किया है और उनके जवाब आ रहे है।

    हालांकि पिछले साल कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि इस मामले की जाँच के लिए एक अलग SIT बना सकते है हालांकि कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया था।

    दरअसल सुप्रीम कोर्ट  में एक जनहित याचिका दाखिल हुई थी जिसमें पनामा पेपर्स में सामने आये विदेशों में खाता रखने वाले भारतीयों के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में SIT से जांच कराने की मांग की गई थी। इसमें एमएल शर्मा ने कहा था इस बारे में पिछले साल 10 नवंबर और 9 अप्रैल को भारत सरकार व राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया था लेकिन उन्हें आज तक उसका कोई जवाब नहीं मिला। इस याचिका को दाखिल करने का नया आधार पिछले साल 3 अप्रैल को पैदा हुआ जब पनामा पेपर्स लीक प्रकरण में 500 से ज्यादा भारतीयों के विदेशों में खाते होने का मामला सामने आया। इनमें बडे सेलीब्रिटी और उद्योगपतियों के नाम हैं इसलिए मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए।

    Next Story