2002 गुजरात दंगों में PM मोदी की क्लीनचिट रहेगी बरकरार, हाईकोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका खारिज

LiveLaw News Network

5 Oct 2017 2:13 PM GMT

  • 2002 गुजरात दंगों में PM मोदी की क्लीनचिट रहेगी बरकरार, हाईकोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका खारिज

     गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों को लेकर तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।  गुजरात हाईकोर्ट ने ये भी साफ किया है कि गुजरात दंगों की दोबारा जांच नहीं होगी।

     जाकिया जाफरी की इस मामले में बड़ी साजिश वाली बात से भी हाईकोर्ट ने इत्तेफाक रखने से इंकार कर दिया है और कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो इसकी सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है।

    दरअसल इस याचिका में 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए गुलबर्ग सोसाइटी व अन्य जगहों पर दंगों के संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को SIT द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। जस्टिस सोनिया गोकानी की बेंच में  इस याचिका पर सुनवाई इसी साल 3 जुलाई को पूरी हो गई थी। दंगों में मारे गए  पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जकिया और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ ‘सिटीजन फार जस्टिस एंड पीस’ ने दंगों के पीछे ‘‘बड़ी आपराधिक साजिश’’ के आरोपों के संबंध में पीएम मोदी और अन्य को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखने के मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ  याचिका दायर की थी।

    याचिका में मांग की गई थी कि मोदी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं नौकरशाहों सहित 59 अन्य को साजिश में कथित रूप से शामिल होने के लिए आरोपी बनाया जाए। इसमें इस मामले की नए सिरे से जांच के लिए निर्देश की भी मांग की गई थी।

    गौरतलब है कि साल 2013 के दिसम्बर महीने में गुजरात दंगों के मामले में अहमदाबाद कोर्ट से नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई थी। साल 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे।  इन दंगों में करीब एक हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। दंगों के वक्त मोदी मुख्यमंत्री थे। इन दंगों में ही कांग्रेस नेता एहसान जाफरी मारे गए थे.

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